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माना जाता है कि श्री जम्बू स्वामी ने मथुरा में 84 वर्ष की आयु में मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त किया था। जम्बू का उत्तराधिकारी प्रभाव (443-338 ईसा पूर्व) हुआ, जिसे उसने डाकू से परिवर्तित कर दिया था।जम्बू स्वामी चतुर्थ काल के अंतिम केवली हुए जो महावीर के गणधर सुधर्माचार्य के शिष्य थे ।
मृत्युंजय महादेव नमः, शिव शंकर महादेव नमः। तेरी शरण जो आए, तेरी महिमा गाए, किरपा करो देवा।। तैंतीस अक्षर का मंत्र, जो कोई जाप करें, स्वामी जो कोई जाप करें।
श्रीराम, रामचन्द्र, रामभद्र, शाश्वत, राजीवलोचन, श्रीमान् राजेन्द्र, रघुपुङ्गव, जानकीवल्लभ....