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Maa Katyayani Navratri Sixth Day
नवरात्रि छठा दिन - माँ कात्यायनी

इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। यमुना के तट पर गोपियों ने इन्हीं देवी की पूजा श्री कृष्ण को पाने के लिए की थी।

Durga Kavach
दुर्गा सप्तशती योगिनी कवच

देवी कवच का लाभ : कवच का अर्थ होता है रक्षा करने वाला ढाल, जो व्यक्ति के शरीर के चारों ओर एक प्रकार का आवरण बना देता है, जिससे नकारात्मक शक्तियों के बाह्य आक्रमण से रक्षा होती है। इस पाठ से शरीर के समस्त अंगों की रक्षा होती है, दुर्गा सप्तशती योगिनी कवच पाठ महामारी से बचाव की शक्ति देता है, यह पाठ सम्पूर्ण आरोग्य का शुभ वरदान देता है

The fifth day of Navratri - Skandmata
स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन की कथा

आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता (भगवान कार्तिकेय की माता) की पूजा आराधना की जाएगी, माँ दुर्गा का यह स्वरूप बहुत ही सौम्य और करुणा से भरा है, स्कंदमाता की गोद में कार्तिकेय विराजित है, माँ की सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं।