नमस्कार हे ज्वाला माता, दीन दुखी की भाग्य विधाता। ज्योति आपकी जगमग जागे, दर्शन कर अंधियारा भागे। नव दुर्गा है रूप तिहारा, चौदह भुवन में दो उजियारा। ब्रह्मा विष्णु शंकर द्वारे, जै माँ जै माँ सभी उच्चारे ।
॥ॐ ह्रीं श्रीं ज्वालामुखी मम् सर्व शत्रून भक्षय-भक्षय हुं फट स्वाहा॥