सूर्य देव व्रत कथा-एक बुढ़िया माई थी। उनका एक बहुत ही सरल सा नियम था कि प्रति रविवार को सवेरे ही स्नान आदि कर, पड़ोसन की गाय के गोबर से घर को लीपकर फिर भोजन तैयार कर भगवान को भोग लगा स्वयं भोजन करती थी। ऐसा व्रत करने से उसका घर धन-धान्य एवं आनन्द से पूर्ण था।