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हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:। अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
श्री हनुमान चालीसा | दोहा : · श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
श्री बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से कुंडली में ग्रह दोष समाप्त होते हैं। Jai hanumant sant hitkari, Sun leejy
हम शरण तुम्हारी बाला जी चरणों में धोक लगाते है, भव से पार लगादो भगवन झूम झूम के गाते है, शरण तुम्हारी बाला जी ...
श्री पंचमुखहनुमत्कवच स्तोत्र एवं अर्थ-ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:। गायत्री छंद:। पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता। ह्रीं बीजम्। श्रीं शक्ति:। क्रौं कीलकं। क्रूं कवचं। क्रैं अस्त्राय फट्। इति दिग्बन्ध:।