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Navratri Day 1: Maa Shailputri Katha
नवरात्रि का पहला दिन : मां शैलपुत्री

हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है, पूर्व जन्म में इनका नाम सती था और ये भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया, इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया।

The fifth day of Navratri - Skandmata
स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन की कथा

आज मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता (भगवान कार्तिकेय की माता) की पूजा आराधना की जाएगी, माँ दुर्गा का यह स्वरूप बहुत ही सौम्य और करुणा से भरा है, स्कंदमाता की गोद में कार्तिकेय विराजित है, माँ की सच्चे मन से आराधना करने वाले भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं।

Navratri Third Day - Mata Chandraghanta Katha
माँं चंद्रघंटा माता नवरात्रि तीसरा दिन की कथा

आज नवरात्रि के तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना, मां का यह रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघंटा का भक्त निडर और पराक्रमी होने के साथ, सौम्य और तेजवान भी हो जाता है।

Navratri Dusra Din - Maa Brahmacharini
नवरात्रि का दूसरा दिन - माँ ब्रह्मचारिणी माता की कथा

नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल है।

Maa Katyayani Navratri Sixth Day
नवरात्रि छठा दिन - माँ कात्यायनी

इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। यमुना के तट पर गोपियों ने इन्हीं देवी की पूजा श्री कृष्ण को पाने के लिए की थी।