Current Location
यदि कोई व्यक्ति अपने किसी इष्ट, अपने किसी देवता, किसी गुरु को मानता है तो वह उनका आशीर्वाद भी चाहता है। इस कृपा को प्राप्त करने के लिए जो भी साधन या कर्मकांड या क्रियाएं की जाती हैं, वे पूजा विधि कहलाती हैं।
पितृ-सूक्तम् शुभ फल देनेवाला चमत्कारी पाठ -उदिताम् अवर उत्परास उन्मध्यमाः पितरः सोम्यासः। असुम् यऽ ईयुर-वृका ॠतज्ञास्ते नो ऽवन्तु पितरो हवेषु॥1॥ अंगिरसो नः पितरो नवग्वा अथर्वनो भृगवः सोम्यासः। तेषां वयम् सुमतो यज्ञियानाम् अपि भद्रे सौमनसे स्याम्॥2॥