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Nirjala Ekadashi Vrat Katha
निर्जला एकादशी व्रत कथा

निर्जला एकादशी व्रत कथा-इस एकादशी पर पानी पीना सख्त मना है इसलिए एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

Devi Suktam Ya Devi Sarvabhuteshu
देवीसूक्त : या देवी सर्वभूतेषु

देवी सूक्तम् ऋग्वेद का एक मंत्र है जिसे अम्भ्राणी सूक्तम् भी कहते हैं। नवरात्रि में विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ ही देवी सूक्त के पाठ का भी विधान है। नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणता स्मरताम। ॥1॥ रौद्रायै नमो नित्ययै गौर्य धात्र्यै नमो नमः। ज्योत्यस्त्रायै चेन्दुरुपिण्यै सुखायै सततं नमः ॥2॥

Ekadashi ki Aarti
एकादशी की आरती

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ॐ॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ॐ॥