यह भजन श्री लक्ष्मणचार्य द्वारा लिखा गया था, यह भजन श्री नम: रामायणम् का एक अंश है, भगवान राम को समर्पित यह भजन रघुपति राघव राजाराम। यह भजन भगवान राम की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के दिलों में शांति और भक्ति का संचार करता है।
रामायण कलियुग में पापो से मुक्ति पाने का एक सरल उपाय है, इस युग में जो भी रामायण जी की आरती करता है उसे श्री राम के साथ माता सीता और हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त होती है, और दुःख से मुक्ति मिलती है।