Amavasya - अमावस्या

july mein amavas kab ki hai, The 15th date of Krishna Paksha is called Amavasya Tithi. There is a special significance in bathing and donating to holy rivers (like Ganga) on this day.

Amavasya

अमावस्या

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हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या तिथि कहते हैं। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है तो अमावस्या तिथि का योग बनता है। इस तिथि को पितरों की पूजा करने और उनके लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म, पिंडदान आदि किए जाते हैं।

माना जाता है कि अमावस्या की तिथि भगवान श्री विष्णु को अतिप्रिय है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का भी विधान है। अमावस्या के दिन महिलाये अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत उपवास और पूजा भी करती है।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन उपाय करने चाहिए तथा इस तिथि को पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, यदि किसी कारण से नदी में स्नान नहीं कर सकते तो ऐसी स्थिति में घर में रखे गंगाजल या किसी भी पवित्र नदी के जल को स्नान वाले जल में मिला कर स्नान करने से भी पवित्र नदी में स्नान जितना ही फल प्राप्त होता हैं।

अमावस्या के दिन कैसे करे पूजा

अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करके समीप के नदी में स्नान करे, यदि नदी में स्नान संभव न हो तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। स्नान करने के बाद स्वच्छ कपडे पहन कर सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद भगवान श्री विष्णु जी की पूजा दीप, धूप, फल, फूल, तिलक, धूपबत्ती आदि से करें। पितरों के लिए पूजा करवाना भी अमावस्या के दिन अतिशुभ फल देता है, अमावस्या तिथि को सामर्थ्य अनुसार दान-धर्म भी करना चाहिए।

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