देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कहा जाता है। देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi Katha) पर भगवान विष्णु को चार महीने की निद्रा के बाद विधि-विधान से पूजा करके जगाया जाता है।
चैत्र के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली पापमोचनी एकादशी चेतन या अचेतन सभी पापों से मुक्ति प्रदान करती है। इस पवित्र दिन पर, भक्त उपवास करते हैं और षोडशोपचार पूजा, अर्घ्य देकर और दिव्य अनुष्ठान करके भगवान विष्णु का सम्मान करते हैं।
इस वर्ष आमलकी एकादशी 10 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जा रही है। आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहते हैं। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के मध्य में आती है।
देवउठनी एकादशी पर इस गीत से जगाएं इसी के साथ घर परिवार में सभी तरह के मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। देव को उठाने के लिए एक बहुत ही परचलित गीत है उठो देव बैठो देव इसे गाकर ही सभी लोग शाम के समय अपने-अपने घरों के देव को उठाते हैं।
Kamika Ekadashi vrat katha in Hindi - Narad ji ne Brahma Ji se pucha ki 'Hey Pitamah' mujhe shravan mas ke krishna paksh ki ekadashi ki katha sunne ki ichcha hai, uska kya nam hai? kya vidhi hai or uska mahatmya kya hay? Kripya mujhe batay!
वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा-अर्चना की जाती है। वरूथिनी एकादशी का व्रत करने से दुर्भाग्य भी पलट सकता है। इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को जीवन में समृद्धि, प्रचुरता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।