सूर्य देव व्रत कथा-एक बुढ़िया माई थी। उनका एक बहुत ही सरल सा नियम था कि प्रति रविवार को सवेरे ही स्नान आदि कर, पड़ोसन की गाय के गोबर से घर को लीपकर फिर भोजन तैयार कर भगवान को भोग लगा स्वयं भोजन करती थी। ऐसा व्रत करने से उसका घर धन-धान्य एवं आनन्द से पूर्ण था।
मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान आदि करके हनुमान जी के सामने घी का दीपक जला कर व्रत का संकल्प करें। भगवान हनुमान का व्रत करने से भक्त या उपासक को कोई भी नकारात्मक शक्ति से भय नहीं रहता। जिन भक्तों को शनि देव की साढ़े साती हो वो भी इस व्रत को करते हैं।