Anadi Ananta Mahadev Bhajan - अनादि अनन्ता महादेव
Anadi Ananta Mahadev Bhajan, Na man hu na Budhi na chit ahankaar
Anadi Ananta Mahadev Bhajan, Na man hu na Budhi na chit ahankaar
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
ना मैं प्राण हूँ ना ही हूँ पंच वायु ना मुज्मे घृणा ना कोई लगाव ना लोभ मोह इर्ष्या ना अभिमान भाव धन धर्म काम मोक्ष सब अप्रभाव
मैं धन राग गुणदोष विषय परियांता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता मैं धन राग गुणदोष विषय परियांता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
मैं पुण्य ना पाप सुख दुःख से विलग हूँ ना मंत्र ना ज्ञान ना तीर्थ और यज्ञ हूँ ना भोग हूँ ना भोजन ना अनुभव ना भोक्ता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता ना भोग हूँ ना भोजन ना अनुभव ना भोक्ता जगत चेतना हूँ अनादि अनन्ता
ना मृत्यु का भय है ना मत भेद जाना ना मेरा पिता माता मैं हूँ अजन्मा
निराकार साकार शिव सिद्ध संता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता निराकार साकार शिव सिद्ध संता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
मैं निरलिप्त निरविकल्प सूक्ष्म जगत हूँ हूँ चैतन्य रूप और सर्वत्र व्याप्त हूँ
मैं हूँ भी नहीं और कण कण रमता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता मैं हूँ भी नहीं और कण कण रमता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
ये भौतिक चराचर ये जगमग अँधेरा ये उसका ये इसका ये तेरा ये मेरा ये आना ये जाना लगाना है फेरा ये नाश्वर जगत थोड़े दिन का है डेरा
ये प्रश्नों में उत्तर हुनिहित दिगंत जगत चेतना हूँ अनादि अनंता ये प्रश्नों में उत्तर हुनिहित दिगंत जगत चेतना हूँ अनादि अनंता
ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार ना मन हूँ ना बुद्धि ना चित अहंकार ना जिव्या नयन नासिका करण द्वार
ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता ना चलता ना रुकता ना कहता ना सुनता जगत चेतना हूँ अनादि अनंता